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    उद् भव

    केन्द्रीय विद्यालय नंबर 2 एएफएस कलाईकुंडा की स्थापना वर्ष 1984 में हुई थी और इसे वर्ष 2023 में पीएम श्री की उपाधि से सम्मानित किया गया था। इसकी उत्पत्ति आकांक्षा, समर्पण, और शिक्षा में उत्कृष्ट की निरंतर खोज की एक कहानी है।
    इस महान संस्थान की उत्पत्ति की मूल कहानी उन कुशल प्रेरणादाताओं से जुड़ी है जो एयर फोर्स स्टेशन कलाईकुंडा पर तैनात वायु सेवा कर्मियों के बच्चों के लिए गुणवत्ता युक्त शिक्षा की आवश्यकता को पहचानते थे। प्रारंभिक वर्षों में, शैक्षिक प्रतिभा को न सिर्फ पोषित करने की जरूरत थी बल्कि अनुशासन, ईमानदारी, और देशभक्ति के मूल्यों को भी अभिवृद्धि देने की आवश्यकता थी।
    इस महान उद्देश्य के साथ, पीएम श्री केन्द्रीय विद्यालय नंबर 2 एएफएस कलाईकुंडा १९८४ में स्थापित हुआ। यह केवल एक स्कूल ही नहीं था बल्कि आशा की एक किरण, ज्ञान का किला और शिक्षा के लिए एक आश्रय था। इसकी नींव ने आने वाली पीढ़ियों की आकांक्षाओं को जन्म दिया और गलियारे एक उज्ज्वल भविष्य के वादे से गूंज उठे।
    इस स्कूल की उत्पत्ति का निरंतर समर्थन भारतीय वायुसेना, केन्द्रीय विद्यालय संगठन और स्थानीय समुदाय के द्वारा किया गया था। साथ में, उन्होंने एक ऐसे संस्थान के निर्माण की यात्रा शुरू की जो समय के कसौटी पर खरा उतरेगा और अनगिनत छात्रों के जीवन को समृद्ध करेगा।
    समय के साथ पीएम श्री केन्द्रीय विद्यालय नंबर २ एएफएस कलाईकुंडा शैक्षिक उत्कृष्टता, सह–शैक्षिक उपलब्धियों और समग्र विकास के केंद्र के रूप में प्रगति करता रहा। इसकी कक्षाएं नवाचार की धुरी बन गईं, इसके खेलकूद के मैदान नवोदित एथलीट्स की हंसी से गूंजते थे और इसके मंचों पर आगे बढ़ने वाले कलाकारों की प्रस्तुतियां देखी गईं।
    पीएम श्री केन्द्रीय विद्यालय नंबर २ एएफएस कलाईकुंडा की उत्पत्ति की कहानी केवल ईंट और पत्थरों की नहीं है, बल्कि सपनों की पूर्ति भविष्य की रचना, और विरासत का निर्माण है यह शिक्षा की शक्ति का प्रमाण है जो जीवन को परिवर्तित करने और एक उज्ज्वल कल की दिशा को प्रकाशित करने की ओर उन्मुख है।